20+ Ghamand Shayari in Hindi | अकड़ और घमंड शायरी
Ghamand Shayari: अहंकार भरी शायरी” एक शायरी कला है जो गर्व, अहंकार या अभिमान के विषय को छूती है। इस हिंदी शायरी के शैली में, कवियों अक्सर अत्यधिक गर्व के परिणामों और उसके लक्षणों को जांचते हैं। चित्रणीय चित्रण, रूपकारी भाषा और तीक्ष्ण छंदों के माध्यम से, “घमंड शायरी” मानव स्वभाव की जटिलताओं को समेटती है, और वहाँ की घमंड जो अक्सर व्यक्तियों को अपनी खुद की खामियों और सीमाओं को अनदेखा कर देती है। यह न केवल व्यक्तिगत दृष्टिकोण का परिचय देती है, बल्कि नियंत्रित अहंकार के अव्यवस्थितता के खतरों का भी चेतावनी देती है।
Ghamand Shayari in Hindi
“मत कर घमंड इतना अपने हसीन चहरे पर,
ये खूबसूरती बस पल दो पल के लिए है
मुझे घमंड था की मेरे चाहने वाले बहुत है इस दुनिया में
बाद में पता चला की सब चाहते है अपनी ज़रूरत के लिए
घमंड ना करना ज़िंदगी में तकदीर
बदलती रहती हैं , शीशा वहीं रहता हैं
बस तस्वीर बदलती रहती हैं
घमंड में हस्तियाँ और तूफान में कश्तियाँ
अक्सर डूब जाया करती हैं जनाब
घमंड के उजालों में कुछ इस कदर गुमनाम हुए
मानो खुद के बनाए हुए बाज़ारों में नीलाम हुए
सब जानते है उसका घमंड एक दिन मिट जाएगा
फिर भी लोग कहते है जो होगा देखा जाएगा
वक्त और किस्मत पर कभी भी
घमंड मत करना साहब क्योंकि
जब भी ये बदलते हैं तो हमारा
सबकुछ बदल कर रख देता हैं
हर रोज़ मुझे नया कहते हो
और खुद घमंड में रहते हो
मत कर इतना घमंड बहुत पछताएगा
एक दिन खुद ही अपनी नजरो में गिर जाएगा
टूट ही जाता है यक़ीन प्यार में साथी पर
कितना करोगी घमंड अपनी खूबसूरती पर
नज़र मत कर अपनी खूबसूरती पर घमंड अक्सर
खूबसूरत चीजों को ही सबकी नज़र लगती है
किस बात का इतना घमंड किस बात का इतना गुरूर
वक्त के हाथों बने सब शेर वक्त ही करे सब चकनाचूर
घमंड और अहंकार की वजह से
इंसान खुद ही अपने रिश्तों को
बिगाड़ लेता है
सुन्दर दिल वाले से प्यार करना चाहिए
अक्सर खूबसूरत चेहरे के पीछे घमंड छिपा होता है
वक्त और किस्मत पर कभी घमंड ना करो
सुबह उनकी भी होती है जिन्हे कोई याद नही करता
किस बात का इतना घमंड किस बात का इतना गुरूर
वक्त के हाथों बने सब शेर वक्त ही करे सब चकनाचूर
घमंड से भी अक्सर
खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते
कसूर हर बार गलतियों की नहीं होता
सुन्दर दिल वाले से प्यार करना चाहिए
अक्सर खूबसूरत चेहरे के पीछे घमंड छिपा होता है
ज्यादा घमंड ठीक नहीं होता डार्लिंग
दरवाजे उनके भी टूट जाते हैं जो ताला बनाते हैं
एक बात याद रखना घमंड के दिन चार होते है
समय जब आता है न तब हर तरफ से वार होते है
ज़रूरत तोड़ देती हैं इंसान के घमंड को
अगर न होती मजबूरी तो हर बंदा खुदा होता
जिनमें कुछ नहीं होता है ना
उनमें घमंड बहुत होता है
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