Best khuda Shayari in Hindi | इश्क खुदा शायरी
khuda Shayari: वह शायरी है जो भगवान या ईश्वर के विषय में बात करती है। यह शायरी अपने भगवानी या ईश्वरीय अंश की प्रशंसा, आराधना, या उनके प्रति श्रद्धाभाव को व्यक्त करती है। इस शायरी के माध्यम से, कवि अपने आदर्श, धार्मिक भावनाओं और आत्मिक अनुभूतियों को साझा करते हैं। खुदा शायरी में चित्रण किया जाता है कि ईश्वर की अद्वितीयता, कृपा, सौम्यता, और उसकी अद्वितीयता कितनी अनंत है। यह शायरी धार्मिकता, आध्यात्मिकता और आत्म-परिचय की गहराई को छूती है और व्यक्तिगत संबंध को ईश्वर से जोड़ने में मदद करती है।
Best khuda Shayari in Hindi
हवा खिलाफ थी लेकिन चिराग भी खूब जला
खुदा भी अपने होने का क्या क्या सबूत देता है
बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने कि
जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता
वो खुदा ही है जो एक सजदे से अपना बना लेता है
वरना ये इंसान तो जान लेकर भी राज़ी नहीं होते
सजदे भले ही हों किसी के नाम से
पर मेरे ख़ुदा तो सिर्फ तुम ही हो
उदास बच्चे के आंसू में रह गया खोकर
जो कह रहा था मुझको खुदा नहीं मिलता
खुदा महफ़ूज़ रक्खे हम को इन तीनों बलाओं से
वकीलों से,हकीमों से,हसीनों की निगाहों से
तूझे इश्क हो खुदा करे, कोई तूझेको उससे जुदा करे
तेरे लब हंसना भूल जायें,और तेरी आंख पुरनम रहा करे
खुदा को भूल गए लोग फ़िक्र-ए-रोज़ी में
तलाश रिज्क की है राजिक का ख़याल नहीं
खुदा को ना मान कर काफिर हूं मैं,
जैसे बिना मंजिलों का मुसाफिर हूं मैं
नजर नमाज नजरिया , सब कुछ बदल गया
एक रोज इश्क़ हुआ और खुदा बदल गया
दिल भी तूने बनाया और नसीब भी ए खुदा
फिर वो क्यों दिल में है जो नसीब में नहीं
मोहब्बत कर सकते हो तो खुदा से करो
मिट्टी के खिलौनों से कभी वफ़ा मिलती नहीं
वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं
न था कोई हमारा न हम किसी के हैं
बस एक खुदा है और हम उसी के हैं
मुझ को ख़्वाहिश ही ढूढ़ने की न थी
मुझ में खोया रहा ख़ुदा मेरा
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