New Dooriyan Shayari in Hindi | दूरियाँ शायरी इन हिंदी
Dooriyan Shayari कभी कभी प्यार में किसी करन दूरियां आ जाती है और यही दूरियां धीरे धीरे इतनी दुरी बढ़ जाती है की वापिस आना आसान नहीं होता है प्यार में इतनी दूरियां नहीं बढ़ने देनी चाहिए की सामने वाला आप से दूर चला जाये ऐसे में हम आपके लिए लेकर आये है दूरियां शायरी और दूरियां शायरी इमेजेज जिसे आप अपने फ्रेंड्स को शेयर कर सकते है ये शायरी आप अपने इंस्टाग्राम या फिर व्हाट्सप्प स्टेटस लगा सकते है
दूरी ऐसी कि मिटती ही नहीं
मैं तेरे पास भी आऊँ तो कहाँ तक आऊँ
हम बताएंगे भी नहीं जताएंगे भी नहीं,
दूरी बना कर रखेगे मिटाएंगे भी नहीं।
गलतफहमी से दूरियां बढ़ गई हैं वरना,
फितरत का बुरा तू भी नहीं और मैं भी नहीं !
Dooriyan Shayari
तेरी तस्वीरों को ही सीने से लगा लेते हैं
दूरियों को हम कुछ इस तरह मिटा लेते हैं
दरियों का ग़म नहीं, अगर फ़ासले दिल में न हो,
नज़दीकियां बेकार है,अगर जगह दिल में ना हो।
मन की दूरियां कुछ बढ़ सी गयी हैं,
लेकिन तेरे हिस्से का वक्त, आज भी तनहा गुजरता है !
दूरियाँ शायरी इन हिंदी
ये दूरियाँ तो मिटा दूँ मैं एक पल में मगर
कभी कदम नहीं चलते कभी रास्ते नहीं मिलते
दूरियां बढ़ना लाज़मी था,
प्यार हमारा एकतरफा जो था।
तुझसे दूर रहकर कुछ यूँ वक्त गुजारा मैंने,
ना होंठ हिले फिर भी तुझे पल-पल पुकारा मैंने !
Dooriyan quotes in hindi
दूरियां ही एक दूसरे को करीब लाती हैं
दूरियां ही एक दूसरे की याद दिलाती हैं
दूर रहकर एक दूसरे के कितने करीब हैं
दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती हैं
वो मुझसे दूर रहकर खुश है,
और मैं उसे खुश देखने के लिए दूर हूँ।
ये दूरियाँ तो मिटा दूँ मैं एक पल में मगर,
कभी कदम नहीं चलते कभी रास्ते नहीं मिलते !
Dooriyan shayari in hindi
दूरियों के नाम से न डरो, दोस्ती का ये सिलसिला चलता रहेगा
चाहे जितनी भी दूरियाँ हों हम दोस्ती को निभाते रहेंगे।
ये दूरियां कहां मायने रखती इश्क में ,
दिल-ए-मुस्कुराहट के लिए तेरी याद ही काफी है।
कितना अजीब है ये फलसफा जिन्दगी का,
दूरियाँ बताती हैं नजदीकियों की कीमत !
माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गई है लेकिन,
तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा ही गुजरता है
दूरियों का एहसास उस वक़्त हुआ,
जब मैं उसके सामने से गुजरी,
और उसे मेरी मौजूदगी का एहसास तक ना हुआ।
दूरी ऐसी है कि मिटती ही नहीं है,
मैं तेरे पास भी आऊँ तो कहाँ तक आऊँ।
रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना,
के दरवाज़ा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े।
ख़्वाबों में भी ख़्वाब बनकर आते हो,
जाना इतनी दूरियां कहा से लाते हो।
ये दूरियाँ तो मिटा दूँ मैं एक पल में मगर,
कभी कदम नहीं चलते कभी रास्ते नहीं मिलते।
आलम बेवफाई का कुछ इस कदर बढ़ गया,
फासला तय होता रहा और दूरियां बढ़ती गई।
वो हैं खफा हमसे या हम हैं खफा उनसे,
बस इसी कशमकश में दूरियाँ बढ़ती रहीं।
आलम बेवफाई का कुछ इस कदर बढ़ गया,
फासला तय होता रहा और दूरियां बढ़ती गई।
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